दिल में आजकल सितारों की बारातें आतें न कभी|
फरिश्तों का रोज़ाना नाचना भी होता न कभी|
इतनी बड़ी सीने में जगह की कमी बहुत है आजकल|
क्या करूं, फैली हुयी तुम्हारी यादें हटती न कभी‖
धडकन में तेरा नाम की गूँज बंद हुई न कभी|
मेरे आईने में तेरा चेहरा देर तक था न कभी|
मेरा साया बनकर साथ में जो चलती हो तुम|
क्या कहूँ, तन्हाई में मैं तन्हा हूँ भी न कभी ‖
❤D❤