हमारे अफसाने में कुछ सादा नहीं रहा - मगर
वक़्त के साथ बिछड़ गये, और वह वादा नहीं रहा।
बेकार में अश्कों का दामन मत बनाओ, सनम
इस दिल-ए -मायूस में अब वह इरादा नहीं रहा ।
बुज़ुरगों की दुआएँ अब नाकाम रह गए हैं
अब मुझमें जीने का उन्स ज़्यादा नहीं रहा।
होटों पे जाम लगने से पहले नशा चढ़ गया है
यूँ लगता है, मैखाने का रास्ता सीधा नहीं रहा।
नींद खोकर रात की तलाश रात में भी करता हूँ
यूँ लगता है, दिन में अब आधा नहीं रहा।
तक़दीर का तमाशा कहूँ, या खुदा की बेबसी
बस, मेरे लिये अब खुदा भी खुदा नहीं रहा।
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