कभी मत सोचना कि हम पराये हैं
हम हमेशा आप की जान के साये हैं
आप के जुबां का छटा बहुत पड़ा है
ज़ख्म हुआ है, पर मुस्कुराते आये हैं
यह मत सोचना कि वह लम्हें बेमतलब हैं
उल्फत के नाम पे बदनाम बहुत पाये हैं
अँधेरी रात में आपकी मेहफ़ूज़ ज़रूरी है, तो
आपकी गली में हमेशा दिया जलाते आये हैं
हम हमेशा आप की जान के साये हैं
आप के जुबां का छटा बहुत पड़ा है
ज़ख्म हुआ है, पर मुस्कुराते आये हैं
यह मत सोचना कि वह लम्हें बेमतलब हैं
उल्फत के नाम पे बदनाम बहुत पाये हैं
अँधेरी रात में आपकी मेहफ़ूज़ ज़रूरी है, तो
आपकी गली में हमेशा दिया जलाते आये हैं
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