न फ़क़त चिरागों से जलाया जाता है
राख-ए-ज़िन्दगी भूख से भी बनाया जाता है
जिस खाने से दूर रहने के कसम खाते हो
उसी की परछाई यादों में समाया जाता है
चाहे जितना भी पाबंदी लगाने की कोशिश हो
भूक से हर फ़सील को पणाया जाता है
तालुक़ को कायम रखना है, तो पेट पूजा कर लो
खाली पेट से अक्सर रिश्ता कटाया जाता है
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