तेरी हर इशारे में हज़ारों पैग़ाम हैं।
तुम्हें अपनाना मेरा रोज़ाना काम है।
तेरी शहर से दूर चला गया हूँ, फिर भी
तुम्हें भूलने की हर कोशिश नाकाम है।
तुम्हारी याद में कितनी रातें गवाई मैंने
हमारा प्यार मेरे लिए क़ीमती मकाम है।
दिल की गहराइयों में तुम्हें चुपके मिलना है
पर लगता है कि यह सब सर-ए-आम है।
शाम अभी जवान है, न जाओ हमें छोड़कर
ऐसे भी जल्दी क्या, यह तुलू-ए-जाम है।
Dilip
तुलू-ए-जाम - beginning of drinking
सर-ए-आम - in Public
तुम्हें अपनाना मेरा रोज़ाना काम है।
तेरी शहर से दूर चला गया हूँ, फिर भी
तुम्हें भूलने की हर कोशिश नाकाम है।
तुम्हारी याद में कितनी रातें गवाई मैंने
हमारा प्यार मेरे लिए क़ीमती मकाम है।
दिल की गहराइयों में तुम्हें चुपके मिलना है
पर लगता है कि यह सब सर-ए-आम है।
शाम अभी जवान है, न जाओ हमें छोड़कर
ऐसे भी जल्दी क्या, यह तुलू-ए-जाम है।
Dilip
तुलू-ए-जाम - beginning of drinking
सर-ए-आम - in Public
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