तेरा प्यार का आलम भी सिमट जाएगा तेरे बिना,
दिल का हर एक सपना भी बिखर जाएगा तेरे बिना।
तेरी छाँव का साया ही सँभाल पाए ये दिल,
जलता हुआ हर कोना भी थम जाएगा तेरे बिना।
तेरी याद का दरिया ही बुझा पाए प्यास,
सूखा हुआ हर सागर भी मुरझा जाएगा तेरे बिना।
तेरी आँख में देखा है ख़ुदा का चेहरा,
आस्था का दीपक भी बुझ जाएगा तेरे बिना।
तेरे बलिदान से ही मिला है जीवन को अर्थ,
तक़दीर का हर पन्ना भी खाली रह जाएगा तेरे बिना।
तेरे चरण की धूल से ही महके हैं सपने,
सुर का हर गुलशन भी बिखर जाएगा तेरे बिना।
तेरे आलिंगन में ही है मेरी साँसों की पूजा,
मंदिर का हर दीपक भी बुझ जाएगा तेरे बिना।
'मनन' कहे, तुझसे ही राग गुनगुनाए दिल,
राग का हर सुर टूटकर गिर जाएगा तेरे बिना।
No comments:
Post a Comment