मेरी इश्क़ में ज़रूर कुछ लम्हें कम रह गये
अब फ़क़त उसकी यादों में हम रह गये।
यूं ही दिल में बसी, और यूं ही जुदा हो गयी
अब मेरे पास सिर्फ दिल-ए-ग़म रह गये।
उसकी क़ुर्बत से मेरी हर सांस में फ़रहत बढ़ी
अब उसके बग़ैर मेरे जी में कैसे दम रह गये।
भीगी-भीगी रातों में खोये हैं उकसी यादों में
सेज सूनी है , और पल्खों में नम रह गये।
क़सम खाये थे. हर रात साथ में तारे देखने की
वह बिछ्ड़ी, और दिन के तारे हमदम रह गये।
अब फ़क़त उसकी यादों में हम रह गये।
यूं ही दिल में बसी, और यूं ही जुदा हो गयी
अब मेरे पास सिर्फ दिल-ए-ग़म रह गये।
उसकी क़ुर्बत से मेरी हर सांस में फ़रहत बढ़ी
अब उसके बग़ैर मेरे जी में कैसे दम रह गये।
भीगी-भीगी रातों में खोये हैं उकसी यादों में
सेज सूनी है , और पल्खों में नम रह गये।
क़सम खाये थे. हर रात साथ में तारे देखने की
वह बिछ्ड़ी, और दिन के तारे हमदम रह गये।
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