Friday, June 4, 2021

नहीं छोड़ते

तितलियाँ कभी चमन नहीं छोड़ते। 

हम हरग़िज़ अपनी जानेमन नहीं छोड़ते।

दिन के उजियाला हो, या फिर रात  

तारे कभी दूर गगन नहीं छोड़ते। 


हर महफ़िल में आप ही की तलाश है ,

आपको ढूंढ़ता यह मन नहीं छोड़ते।


आप कितने भी ख़फ़ा क्यूँ नो हो,

हम अपना ज़ाती नमन नहीं छोड़ते।


जुदाई का हुक़्म मत दो, सनम, हम 

कभी अपनी दिल की धड़कन नहीं छोड़ते।  

  

Thursday, June 3, 2021

दिल आशना है

वक़्त इज़हार-ए-इश्क़ के लिए रुकता नहीं।  

उल्फत में आशिक़ कभी झुकता नहीं।

हम उसकी ख़ुशी के लिए चुप रहते आये, 

पर उसको  लगा हमें कभी दुख्ता नहीं।


अब किसी परायी को अपनाना नामुमकिन है 

भूका होकर भी शेर कभी घास को छूता नहीं। 


मेरी ख़ुशी तेरे नाम पे दर्ज कर दिया हूँ , अब 

एक भी रात नहीं, जब मैं तन्हा रोता नहीं। 


रुत बदल सकती है, पर रूह ज़िद्दी है  

दिल आशना है, बदलने वाला जूता नहीं। 







दोस्ती

 

राह के हर मोड़ पर मंज़र नहीं है  ।

अक्सर सच्चे दिलों का नज़र नहीं है ।


जिसको जिगरी दोस्त मिल गया हो उसका 

कभी खेत-ए-ज़िन्दगी बंजर नहीं है ।


दोस्त जितना भी कड़वा सच बोलते जाए, 

लगता की उसके जुबान में खंजर नहीं है ।


तेरी जुदाई बहुत सताती है,  ऐ दोस्त, 

यह कम्बख्त दिल है, कोई पत्थर नहीं है।


सुबह आईने में खुद का खैरियत पूछ लेता हूँ,  

अब खैरियत पूछनेवालों का कुछ खबर नहीं है। 

 

यारों से बिछड़के चाहे कितना भी ठेस हो जाएं 

आजकल मेरे रंजिशों पर खुद को क़दर नहीं है। 


दोस्त से ख़ैर जुदा हूँ , पर दोस्ती से नहीं  

मेरी सासें गवाह हैं, दोस्ती कहीं बाहर नहीं है। 


     


நரசிம்மா, வரு, பரம பிதா!

நரசிம்மா, வரு, பரம பிதா! சுத்த சிந்தை சிறப்பு நிதா! இசைதருமோ, உனது கடைசின் போதா? இருள் பொலிக்கும் எங்கள் விருட்ச நீயே! அறிவொளி ஈசனே, ஆதிபுரு...