तितलियाँ कभी चमन नहीं छोड़ते।
हम हरग़िज़ अपनी जानेमन नहीं छोड़ते।
दिन के उजियाला हो, या फिर रात
तारे कभी दूर गगन नहीं छोड़ते।
हर महफ़िल में आप ही की तलाश है ,
आपको ढूंढ़ता यह मन नहीं छोड़ते।
आप कितने भी ख़फ़ा क्यूँ नो हो,
हम अपना ज़ाती नमन नहीं छोड़ते।
जुदाई का हुक़्म मत दो, सनम, हम
कभी अपनी दिल की धड़कन नहीं छोड़ते।
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