Friday, June 19, 2020

तुम ही ऐतबार हो


मेरी अंधी दुनियाँ में तुम ही ऐतबार हो।
इस वीरान दिल में तुम ही मेरी प्यार हो।

तेरी अंगड़ाइयों से इस दिल घायल बहुत है
मासूम दिलों के लिए तुम खतरनाक हथियार हो।
  
तेरी सन्नाटा कह रही है ,मुझसे तुम ख़फ़ा हो
पर निगाहें कह रही हैं की तुम मेरी दरकार हो।

तुम्हारी यादों की रोज़ा भी आजकल मीठा है
मेरी भूकी आखों के लिए तुम इफ़्तार हो।

 तेरी यादों से बचने जल्दी सो गया था, पर
सुबह पता चला, ख़्वाबों  के आरपार हो।

Dilip


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