Friday, September 12, 2014

अनोखा मज़ा

परायी यादें आते जाते रहते हैं 
पराये लम्हें मचलते रहते हैं
बस तुम्हारी निगाहें इशारा कर दे 
और हम ख्व्वाबों में डूब रहते हैं

हसीनों में तुम सबसे हसीं हो
मेरी जान बनके सीने में बसी हो
मोहोल्ले में पताकों का चमत्कार हो तो 
ज़ाहिर है कि मूंह खोलके हसी हो

खुशबू रह जाती है जैसे कपड़ों में
तुम्हारी यादें रह जाती हैं सीने में
तस्वीर बना लेता हूँ दिल में, तब
एक अनोखा मज़ा होता है जीने में
❤D













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