नैनों से ग़म-ए-दिल सुनाया न करो
आँखों में नमी नहीं , और रुलाया न करो।
उल्फत की राह में कांटें भर पड़े हैं
बहुत हो चुकी है, और सताया न करो।
अश्कों का दामन अब बनाया न करो
फरिशतें लापता हैं, अब बुलाया न करो।
दिल में कितने भी तूफ़ान क्यूँ न उठें
दिल की बात हर शख्स को बताया न करो।
ग़ुज़रे हुए लम्हों को याद लाया न करो
आंसुओं का नमक ज़्यादा खाया न करो।
गली में तेज़ाब लेकर लोग घूमते हैं
ज़ख़्मी दिल किसी को दिखाया न करो।
❤D❤
आँखों में नमी नहीं , और रुलाया न करो।
उल्फत की राह में कांटें भर पड़े हैं
बहुत हो चुकी है, और सताया न करो।
अश्कों का दामन अब बनाया न करो
फरिशतें लापता हैं, अब बुलाया न करो।
दिल में कितने भी तूफ़ान क्यूँ न उठें
दिल की बात हर शख्स को बताया न करो।
ग़ुज़रे हुए लम्हों को याद लाया न करो
आंसुओं का नमक ज़्यादा खाया न करो।
गली में तेज़ाब लेकर लोग घूमते हैं
ज़ख़्मी दिल किसी को दिखाया न करो।
❤D❤
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