नैनें मिले, और मोहब्बत का महसूल हुआ
क़र्ज़-ए-प्यार एक मुस्कान में ही वसूल हुआ।
सोचा था माही बनना आसान नहीं है -पर
क़िला-ए-इश्क़ एक पल में ही हुसूल हुआ।
पता नहीं तेरी अंगड़ाई की क्या मिसाल दूँ,
ऐसा लगता है, हर लफ्ज़-ए-होंट फ़िज़ूल हुआ ।
सोचा था इसी ख़ज़ाने के सहारे जी लूँ - पर
जुदाई की वक़्त आई, और दिल मलूल हुआ ।
===============================
नैनें मिले, और मोहब्बत का महसूल हुआ
क़र्ज़-ए-प्यार एक मुस्कान में ही वसूल हुआ।
सोचा था माही बनने में रसूल की दुआ चाहिए -पर
क़िला-ए-इश्क़ एक ही पल में हुसूल हुआ।
पता नहीं तेरी अंगड़ाई की क्या मिसाल दूँ,
ऐसा लगता है, हर लफ्ज़-ए-होंट फ़िज़ूल हुआ ।
सोचा था इसी ख़ज़ाने के सहारे जी लूँ - पर
जुदाई की वक़्त आई, और दिल मलूल हुआ ।
❤D❤
महसूल- income, revenue
वसूल - collection
फ़िज़ूल - useless
रसूल - messenger , prophet
हुसूल - acquisition
मलूल - sad , depressed
क़र्ज़-ए-प्यार एक मुस्कान में ही वसूल हुआ।
सोचा था माही बनना आसान नहीं है -पर
क़िला-ए-इश्क़ एक पल में ही हुसूल हुआ।
पता नहीं तेरी अंगड़ाई की क्या मिसाल दूँ,
ऐसा लगता है, हर लफ्ज़-ए-होंट फ़िज़ूल हुआ ।
सोचा था इसी ख़ज़ाने के सहारे जी लूँ - पर
जुदाई की वक़्त आई, और दिल मलूल हुआ ।
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नैनें मिले, और मोहब्बत का महसूल हुआ
क़र्ज़-ए-प्यार एक मुस्कान में ही वसूल हुआ।
सोचा था माही बनने में रसूल की दुआ चाहिए -पर
क़िला-ए-इश्क़ एक ही पल में हुसूल हुआ।
पता नहीं तेरी अंगड़ाई की क्या मिसाल दूँ,
ऐसा लगता है, हर लफ्ज़-ए-होंट फ़िज़ूल हुआ ।
सोचा था इसी ख़ज़ाने के सहारे जी लूँ - पर
जुदाई की वक़्त आई, और दिल मलूल हुआ ।
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महसूल- income, revenue
वसूल - collection
फ़िज़ूल - useless
रसूल - messenger , prophet
हुसूल - acquisition
मलूल - sad , depressed
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