Saturday, July 4, 2020

तुलू-ए-जाम

तेरी हर इशारे में हज़ारों पैग़ाम हैं।
तुम्हें अपनाना मेरा रोज़ाना काम है।

तेरी शहर से दूर चला गया हूँ, फिर भी
तुम्हें भूलने की हर कोशिश नाकाम है।

तुम्हारी याद में कितनी रातें गवाई मैंने
हमारा प्यार मेरे लिए क़ीमती मकाम है।

दिल की गहराइयों में तुम्हें चुपके मिलना है 
पर लगता है कि यह सब सर-ए-आम है। 

शाम अभी जवान है, न जाओ हमें छोड़कर
ऐसे भी जल्दी क्या, यह तुलू-ए-जाम है।

Dilip

तुलू-ए-जाम - beginning of drinking
सर-ए-आम  - in Public

No comments:

கீத சக்கர

கீத சக்கரச் சவுக்கருளியெம் குருகுகாப் பெருமானை சீத நல்பட நாமமலர்கழல் தொழுதெழு பண்ணுமே! கீதமருந்தின் அன்பளித்திடு கீர்த்திச் செம்மையே ஏதுமில்...