Sunday, July 11, 2021

बढ़ा देती है

एक अनोखा मायूसी दिल पर चढ़ा देती है।  

यार की पुरानी यादें ग़म को बढ़ा देती है।


मेरी पल्कें मुश्किल से जोड़ने पर लगते ही 

बस उसकी मुस्कान नींद को उड़ा देती है। 


उसकी यादें दिल में बार बार सुलगती हैं - कुछ 

अनमोल लम्हें बुझते शोलों को हवा देती है।


कुछ कश्मकश बातें दिल में बरक़रार हैं 

दिल जो उन्हींको  बार बार चबा देती है। 

  

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