हर सूरत में छुपा है नूर-ए-ख़ुदा का रंग है ।
जो भी देखा है उसे में हुस्न का एक अंग है ।।
आँखों में आँसू छुपाए दिल ने कहा ये राज़ ।
ख़ामोशी के पीछे छुपा हर लफ़्ज़ का संग है ।।
रात के सीने में छुपी है दर्द की एक बात ।
चाँदनी भी कह रही है दिल का बड़ा तंग है ।।
राह में जो भी मिला उसने दिया एक सबक ।
ज़िंदगी का हर मक़ाम एक छोटा सा रंग है ।।
वक़्त से लड़ते रहे हम ख़ुद से भटक कर ।
अपने ही अक्स में छुपी कुछ और ही जंग है ।।
पूछे कोई तो क्या कहे इस हाल-ए-पुर्सरार को ।
"मनन" के हर शेर में एक बेज़बां दंग है ।।
No comments:
Post a Comment