कल रात को
मेरी नींद
चोरी हो गयी थी
पलकों को
पार करके तुम
आई कैसे
अंदर?
जाग्रण भी कभी
मीठी है
मुझे नहीं पता था
तुम्हारी यादें
पूरी रात को
सजा दी कितनी
सुन्दर?
मेरी नींद
चोरी हो गयी थी
पलकों को
पार करके तुम
आई कैसे
अंदर?
जाग्रण भी कभी
मीठी है
मुझे नहीं पता था
तुम्हारी यादें
पूरी रात को
सजा दी कितनी
सुन्दर?
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