आप से ही मोहब्बत कर बैठे हम, कि
और किसी से प्यार करने की गुंजाइश नहीं।
बस एक बार मुस्कुरा दी आपने , और
ज़िन्दगी से और कोई ख्वाइश नहीं।
आप की जाम-ए-होंट पी चुके हैं, अब
किसी भी पैमाने में मदहोश नहीं।
आप की आँखें सब कुछ बोल बैठे हैं, कि
और कोई प्यार का नुमाइश नहीं।
आप की यादों में दिन क्या, और रात क्या
अब काल चक्र का गर्दिश नहीं।
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