मेरे सीने में कई अरमान सुलगते हैं।
वह हर दम बड़ा सुहाना लगते हैं।
भोर पक्षियों के आवाज़ से भरी है,
भविष्य के तारे तेज़ जगमगते हैं।
आँखों ही आँखों में दिन कट जाते
हाय, चौबीस घंटे भी कम लगते हैं।
आप ही के अरमानों में डूब गये हम, कि
अक्सर खुद को खोया सा लगते हैं।
इस छोटी दिल बेहद ख़ुशी से भर पड़ा है, सनम-
ज़रा सी ज़िन्दगी और अरमान बहुत लगते हैं।
-दिलीप
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