एक पुराना दोस्त मुझे आज फ़ोन किया। बोला गलती के कॉल हो गयी. मैंने बात की, और बोला कि अच्छा किया उसने.
तो, अर्ज़ है...
न जाने क्यूँ उँगलियों में झुनझुनी हुआ,
जो ग़लती से हुआ , ख़ैर , भला ही हुआ।
पुरानी यादों को ज़्यादा याद नहीं रखता हूँ, राशिद
पर लगता है भीते लम्हों पर कुछ हमला ही हुआ।
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