Tuesday, June 18, 2024

तुमसे मिलन लाज़मी है

 मोहब्बत की दीदार किए हैं ढेर सारे फकीरें।

तुमसे मिलन लाज़मी है , यह बता रहे लकीरेँ ।


तुम पास हो, यह कहते हैं , सरसराती लहरें,

सुनाते तन्हाई की शहनाई, दिल की धड़कनें।


फिर भी खामोशियां चीखती हैं, बेमोल सी जुदाई,

किसे सुनाएं हम अपनी उदासी की चाहतें ।


चाँदनी रातें भी अब अश्कों में बह जाती हैं, सनम 

न जाने क्यूँ  दिल की राहों पर मिलते हैं सिर्फ कांटे।


तेरी यादों में खोकर ही हमने सुकून पाया है,

तुम्हारी तस्वीर में हम अक्सर देखते हैं  जन्नतें।


No comments:

கீத சக்கர

கீத சக்கரச் சவுக்கருளியெம் குருகுகாப் பெருமானை சீத நல்பட நாமமலர்கழல் தொழுதெழு பண்ணுமே! கீதமருந்தின் அன்பளித்திடு கீர்த்திச் செம்மையே ஏதுமில்...