मोहब्बत का इम्तिहान हुआ तो मैं क्या करूँ
तुम्हारी यादों का मजमाँ हुआ तो मैं क्या करूँ
सुहाना सपना समझकर तुम्हें भूल सख्ता हूँ - पर
दिल में जज़्बात का हंगामा हुआ तो मैं क्या करूँ
कश्ती में तेरे साथ मेरे पयार का भी बिदाई दूँ - पर
विरह का सफरनामा हुआ तो मैं क्या करूँ
सितारों की महफ़िल में रात खैर गुज़ार लूँ - सेज
सूनापन का मज़हरनामा हुआ तो मैं क्या करूँ
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