Sunday, October 6, 2024

हमसे पूछिए

 दरिया से क्यूँ खफ़ा है नदी, हमसे पूछिए,

आँखों की शर्म की कहानी हमसे पूछिए।

गुलशन को छू न पाए सबा, ये तो जानिए,

हर फूल की जवानी हमसे पूछिए।


पायल की झंकार में राज़ है कोई,

ठुमरी की मस्तानी हमसे पूछिए।


साहिल पे मौज आए तो दिल धड़कता है,

ये इश्क की रवानी हमसे पूछिए।


बारिश में भीग जाए तो क्या होता है,

ये प्यार की कहानी हमसे पूछिए।


सितार-ए-दिल बजाकर गज़ल गाते हैं हम,

मोहब्बत की ज़ुबानी हमसे पूछिए।


'साहिल', तुम्हारी महफ़िल में क्या होता है,

हर शाम की शायरानी हमसे पूछिए।

No comments:

கீத சக்கர

கீத சக்கரச் சவுக்கருளியெம் குருகுகாப் பெருமானை சீத நல்பட நாமமலர்கழல் தொழுதெழு பண்ணுமே! கீதமருந்தின் அன்பளித்திடு கீர்த்திச் செம்மையே ஏதுமில்...