सुहाना मौसम तेरे नाम के साथ जुड़ा हुआ है।
उसी नाम का फर्श-ए-सितारें मन में कूड़ा हुआ है।
बेक़ाबू दिल को यहां ढूँढा, पर बाद में पता चला
बस एक ही पल में तेरी ओर वह उड़ा हुआ है।
लोग ताजुब हैं कि मेरी आँखों में थकावट क्यूँ
उन्हें मालूम नहीं, तेरी याद में नींद छुड़ा हुआ है।
ग़लती से भी मुझसे कभी रूठा न करो, नूरी
लगता है मेरी खुशियां मुझसे निचुड़ा हुआ है।
शहर की बाक़ी औरतें तुम पर गुस्से में हैं, सनम
हर शक़्स का ख़याल तुझपर ही मुड़ा हुआ है।
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