तीर-ए-नज़र मत चलाओ, कि उल्फत के लिए बागी बनूँ
एक मौका दो, तेरे खज़ाना-ए-दिल का मैं भी भागी बनूँ।
तैयार हो जाओ सनम, प्यार को महसूस करने को
अब तुममें उम्मीदों के दिए जलाने का चिरागी बनूँ।
सुबह की किरनों की ताज़ग़ी हमेशा है तुममें
उस ताज़ग़ी को अपनाते हुए राग बैरागी बनूँ।
दिल बोले , तेरी यादों में एक अनोखा कशिश है
चाहे जितना भी दिमाग बोले कि में वैरागी बनूँ।
बिछड़ने का बहाना बार बार क्यूँ ढूंढती हो तुम
क्या यही चाहती हो कि तेरी याद में घाघी बनूँ।
Note: Raag Bairagi is a morning raga
एक मौका दो, तेरे खज़ाना-ए-दिल का मैं भी भागी बनूँ।
तैयार हो जाओ सनम, प्यार को महसूस करने को
अब तुममें उम्मीदों के दिए जलाने का चिरागी बनूँ।
सुबह की किरनों की ताज़ग़ी हमेशा है तुममें
उस ताज़ग़ी को अपनाते हुए राग बैरागी बनूँ।
दिल बोले , तेरी यादों में एक अनोखा कशिश है
चाहे जितना भी दिमाग बोले कि में वैरागी बनूँ।
बिछड़ने का बहाना बार बार क्यूँ ढूंढती हो तुम
क्या यही चाहती हो कि तेरी याद में घाघी बनूँ।
Note: Raag Bairagi is a morning raga
No comments:
Post a Comment