Wednesday, June 19, 2013

हार

चमेली कलियों को
इकट्ठा किया मैंने, ध्यान से
और समर्पण किया
तुम्हारी चरणों में, प्यार से.

मेरे गुजरने के बाद
उसको हार बनाके पहन लेना
उन कलियों के बीच में
मेरा दिल छोड़ा हूँ,  डूढ़ लेना

बहती हुयी आंसूओं को
हो सके तो काबू में रख लेना
बिछड़ी हुयी इस आत्मा को
कभी कभी याद भी कर लेना

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