नाक के दोनों ओ़र गीले
लकीरों की निशानी
तुम्हारी मिलन से आंसू की बूंद
ओस का मोती बनी
मुंह में समा हुयी तो
प्यार का शरबत लगा
खुदा से बिचडी दिलों को
मुहब्बत का तावीज़ लगा
लकीरों की निशानी
तुम्हारी मिलन से आंसू की बूंद
ओस का मोती बनी
मुंह में समा हुयी तो
प्यार का शरबत लगा
खुदा से बिचडी दिलों को
मुहब्बत का तावीज़ लगा
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