Tuesday, June 25, 2013

तुम्हारी ख़ामोशी


चाँद की मुस्कराहट, कोयल की पुकार
गगन के रोने से दिल बहला जाता है

मगर तुम चुप क्यूँ हो यह सोचेके
मन में तूफान आ जाता है

उल्फत में गम के फ़साने बहुत है
ताखिर से आशिक़ पहचान जाता है

तुम्हारी ख़ामोशी की हर पल
दिल शीशे की तरह टूट जाता है
❣D❣


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