Sunday, April 7, 2019

सुकून की हवेली





हर परेशानी में मेरी ताक़त की हथेली हो
इस वीरान दिल का सुकून की हवेली हो

मुझे अब रास्ते से भटकने की चिंता नहीं
कदमें मिलाकर चलती मेरी सहेली हो


ग़म-ए-ज़िन्दगी का सदमा बहुत गहरा है
मुझे तसल्ली देनेवाली एक अखेली हो

तुम्हें पहचानने की कड़ी कोशिश की हूँ 
न जाने, अब तक तुम एक पहेली हो

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