खामोश चेहरे पर हैं हज़ारों पहरे होते हैं।
हस्ती की आँखों में कई रंग गहरे होते हैं।
ज़िंदगी की राहों पे जो मोड़ मिलते हैं हमें,
कुछ तो सुनहरे होते हैं, कुछ तो ज़हरे होते हैं।
हर एक लम्हा कुछ कहानी कह के जाता है यहाँ,
कुछ पल तो ठहरे होते हैं, कुछ पल नहरे होते हैं।
मौसम की तरह बदलते इन रिश्तों को देख ज़रा,
कुछ दिन बहरे होते हैं, कुछ दिन लहरे होते हैं।
आँखों में सपने सजा के चलते हैं लोग सभी,
कुछ तो अधूरे होते हैं, कुछ तो पूरे होते हैं।
दिल के मुसाफ़िर हैं कई, पर राह के राही नहीं,
दूर होकर भी कोई दिल के बहुत नहरे होते हैं।
'मनन' ये ज़िंदगी की बात समझ ले ज़रा,
कुछ लोग बेवजह ही इतने क़हरे होते हैं।
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